बाल विकास एवं सीखने की प्रक्रिया – OPTIONAL TYPE [FIRST SEM]

बाल-विकास एवं सीखने की प्रक्रिया – First Paper

बालक में अभिप्रेरणा उत्पन्न करने का प्रमुख स्रोत है – रुचि

“स्मृति एक आदर्श पुनरावृत्ति है”-   स्काउट

सृजनात्मक बालक की विशेषता है – जिज्ञासु होता है

फ्रायड के अनुसार आक्रामकता का कारण है – उद्दीपक

बाल विकास के अन्तर्गत निम्नलिखित आयु वर्ग है – 0-18 वर्ष

शैशवावस्था का काल है, – 6 वर्ष तक

शैशवावस्था में काम प्रवृत्ति- प्रबल होती है

संज्ञानात्मक क्षमता की कमी से व्यक्तित्व में कठिनाई होती है- बौद्धिक विकास में

किसी दूसरी वस्तु की अपेक्षा एक ही वस्तु पर चेतना का केन्द्रीयकरण अवधान है।  यह कथन है- डम्बिल

बुद्धि का विकास लगभग पूर्ण हो जाता है- किशोरावस्था में

सीखने को प्रभावित करने करने वाला सबरी प्रभावपूर्ण कारक है – प्रेरणा

बालक के अभिप्रेरणा उत्पन्न करने का प्रमुख स्रोत है- रुचि

आनुवांशिकता का वाहक होता है- औस

व्यक्तित्व मापन की सबसे अच्छी विधि है- प्रक्षेपण

भाटिया बेटरी परीक्षण सम्बन्धित है- बुद्धि से

शिक्षा में सूजनात्मकता का प्रयोग किस रूप में होता है- चिन्तन

 केन्द्रीय प्रवृत्ति का मापक नहीं है-

मध्यमान |  प्रसार | मध्यांक | बहुलक।

थार्नडाइक ने सीखने से सम्बन्धित मुख्य कितने सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया है- 3 सिद्धान्त

नवजात शिशु में हड्डियों की संख्या होती है- 270

क्रिया-प्रसूत अधिगम सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं- स्किनर

आपराधिक प्रवृत्ति का सर्वाधिक विकास होता है- किशोरावस्था

पियाजे के अनुसार बालक के संज्ञानात्मक विकास की स्थितियाँ हैं – चार

 बाल विकास के अन्तर्गत निम्नलिखित आयु वर्ग हैं- 0-18 वर्ष

सीखने को सही परिभाषा है – अनुभव और प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में परिवर्तन

‘प्रयल एवं मूल सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया – थार्नडाइक ने

बालक के नैतिक विकास का तात्पर्य है उसके – चारित्रिक विकास

निम्न में कौन-सा प्रकार मनोवैज्ञानिक है – बहिर्मुखी

आत्मकेन्द्रित व्यक्ति का व्यक्तित्व होता है – अन्तर्मुखी

चिन्तन के साधनों में एक है- संकेत

 

“बालक प्रथम छः वर्षों में, बाद के 12 वर्षों का दूना सीख लेता है।” – गेसेल

“शैशवावस्था” सीखने का आदर्श काल है।” कहा – वैलेन्टाइन ने

किशोरावस्था का काल है- 12-18 वर्ष

बुद्धि का विकास लगभग पूर्ण हो जाता है- किशोरावस्था

“किशोरावस्था, शैशवावस्था की पुनरावृत्ति है।” कथन है- रास का

किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है।” कथन है- किर्कपैट्रिक का

मानसिक स्वतन्त्रता एवं विद्रोह की भावना प्रबल होतो है – किशोरावस्था में

काम समस्त जीवन का नहीं तो किशोरावस्था का अवश्य ही मूल तथ्य है।” – रॉस का

राम के अनुसार बाल्यावस्था की सबसे प्रमुख विशेषणा –  शारीरिक और मानसिक स्थिरता

बाल्यावस्था, जोवन का अनोखा काल है।” कहा- कोल एवं ब्रूस ने

शैशवावस्था में बालक का भार बालिका से – अधिक होता है

नवजात शिशु में हड्डियों को संख्या होती – 270

आत्म-केन्द्रित व्यक्ति का व्यक्तित्व होता है – अन्तर्मुखी

सुसमायोजित व्यक्ति का लक्षण नहीं है-  लोगों को बाधा पहुँचाने वाला

“कल्पना की सामग्री स्मृतियाँ – बोरिंग व अन्य

डीवी के अनुसार तर्क के सोपान हैं- 5

चिन्तन के साधनों में एक है- संकेत

तर्क के मुख्यतः प्रकार होते हैं-

“चिन्तन, मानसिक क्रिया का ज्ञानात्मक पहलू है” कथन है – रॉस

टर्मन के अनुसार प्रतिभाशाली व्यक्ति की बुद्धिलब्धि कितने से अधिक होती – 140

“बुद्धि वह शक्ति है जो हमें समस्याओं का समाधान करने और उद्देश्यों को प्राप्त करने की क्षमता देती है।” उपयुक्त कथन है- वुडरो

यदि किसी बालक की शारीरिक आयु 10 वर्ष तथा मानसिक आयु 12 वर्ष है तो उसकी बुद्धि-लब्धि होगी- 120

बुद्धि का त्रियामी सिद्धान्त किसने दिया – गिलफोर्ड

बुद्धि का एक कारक सिद्धान्त प्रतिपादित किया था- बिने

प्रथम मनांवेज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना कितने की थी- वुण्ट

स्टेनफोर्ड बिने स्केल का विकास किस देश में किया गया था – अमेरिका

निम्नलिखित में से कौन-सा परीक्षण व्यक्तित्व का मापक्ष करता है- टी. ए. टी.

व्यक्तित्व मापन की सबसे अच्छी विधि है- प्रक्षेपण

मनोविश्लेषणात्मक ‘उपागम’ का प्रतिपादन किसने कियाक्रॉनबेक

टी. ए. टी. से व्यक्ति का कौन-सा गुण मापा जाता है – व्यक्तित्व

स्प्रंगर ने कितने प्रकार से व्यक्तित्व बताये- छ:

टी. ए. टी. परीक्षण की कार्ड संख्या है 10+ 10+ 10

निम्नलिखित में से कौन-सा परीक्षण व्यक्तित्व का मापन करता है – टी. ए. टी.

“सीखना विकास की प्रक्रिया है” कथन है- वुडवर्थ

निम्न में से सीखने की विशेषता नहीं है – सीखना, सहज व्यवहार है

सीखने को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक है- प्रेरणा

“करके सीखना” सीखने की सबसे महत्वपूर्ण विधि है। किसने कहा ? फ्रोबेल

सीखने की सही परिभाषा है- अनुभव और प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में परिवर्तन

सीखने के नियम’ का प्रतिपादन किया है – थार्नडाइक

अभ्यास और अनुभव के द्वारा व्यवहार में होने वाला परिवर्तन कहलाता है – सांख्यिकी

किसी विषय, कार्य अथवा परिस्थिति में अर्जित ज्ञान द्वारा अन्य किसी कार्य, विषय अधना परिस्थिति में लाभ प्राप्त होना कहलाता है अधिगम अन्तरण

प्रेरणा के प्रकार है दो

‘प्रेरणा का तात्पर्य है सजीव’ प्रयास’, कथन है एवरिल का

व्यक्ति में विद्यमान वह शक्ति जिसके कारण वह किसी कार्य को करने अथवा न करने के लिए बाध्य हो जाता है, कहलाता है- अभिप्रेरणा

“स्मृति एक आदर्श पुनरावृत्ति है” कथन है स्टाउट का

स्मृत्ति का अंग नहीं है- चिन्तन

ऐसी मानसिक प्रक्रिया जिसमें व्यक्ति पूर्व में धारण/याद किए गए सामग्री को पुनः स्मरण करने में असमर्थ हो जाता है, कहलाता है- विस्मरण

सांख्यिकी गणना का विज्ञान है”, परिभाषा दी- बॉउले को

सांख्यिकी का जन्मदाता कहा जाता है- आकेनवाल को

चित्र लेखों द्वारा आकड़ों के प्रस्तुतीकरण की विधि को विकसित किया था- डॉ. ओटोन्यूरक ने

कौन सा माध्य स्थिति माध्य (Positional Average) – माध्यिका में

श्रेणी का प्रत्येक पद गणना में सम्मिलित होता है- समान्तर माधय में

4, X. 8 की माधियका 5 हो, तो x का मान होगा- 6

यदि समान्तर माध्य और बहुलक क्रमशः 35.4 तथा 32.1 है तब माध्यिका है – 34.3

किस माध्य की गणना में श्रेणी का प्रत्येक मूल्य सम्मिलित नहीं होता है- बहुलक

औसत गति, चलन, वेग आदि की गणना में प्रयुक्त होता है- हरात्मक माध्क

पदो के योग में पदों की संख्या से भाग देने पर जो प्राप्त होता है –  माध्य

बाल विकास की अवस्थाएँ होती हैं- 3

बाल-मनोविज्ञान का सर्वाधिक महत्व है – बाल विकास एवं बाल शिक्षा की दृष्टि से

“किशोरावस्था बड़े बल, तनाव, तूफान तथा विरोध की अवस्था है।” यह कथन (2017) स्टैनले हॉल

प्रयास तथा त्रुटि सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं थार्नडाइक

केन्द्रीय प्रवृत्ति का मापक नहीं है- प्रसार

बाल-विकास को प्रभावित करने वाला कारक नहीं है संस्कृति

अभ्यास और अनुभव के द्वारा व्यवहार में होने वाला परिवर्तन कहलाता है- (2017) अधिगम

पदों के योग में पदों को संख्या से भाग देने पर जो प्राप्त होता है, कहलाता है- माध्य

बालकों में स्वव्रन्त्रता की आकांक्षा किस अवस्था में प्रबल हो जाती है- (2017) किशोरावस्था

“जिन तथ्यों को भूतकाल में सीखा जा चुका है, उन्हें स्म्रण करना ही स्मृति है।” वुडवर्थ

सी. ए. टी. परीक्षण किस आयु के बच्चों के व्यक्तित्व का मूल्यांकन करने हेतु  प्रयुक्त होता है- 03 से 11 वर्ष

संधेग का प्रकार नहीं है- ध्यान

प्रतिभाशाली बालक की बुद्धिलब्धि होती है- 140 से अधिक

पियाजे के अनुसार बालक के संज्ञानात्मक विकास की स्थितियाँ हैं चार

किशोरावस्था को गम्भीर उथल-पुथल की अवस्था कहा है-  स्टैनले हॉल

मानसिक आयु/वास्तविक आयु × 100 सूत्र से मापन किया जाता है- (2018) बुद्धि लब्धि का

वह मानसिक योग्यता जिसके द्वारा व्यक्ति किसी नवीन रचना को प्रस्तुत करता है, कहलाता है- सृजनात्मकता

शारीरिक रचना, बुद्धि-रुचि, व्यक्तित्व आदि में एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति से भिन्न होना कहलाता है- वैयक्तिक भिन्नता

संज्ञानात्मकता क्षमता की कमी से व्यक्तित्व को कठिनाई होती है (2018) बौद्धिक विकास में

सिग्मन फ्रायड द्वारा प्रतिपादित व्यक्तित्व विकास के सिद्धान्त को कहा जाता है मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त

परोक्ष वस्तुओं के सम्बन्ध में चिन्तन कहलाता है तर्क

किसी समस्या का समाधान करने के लिए गत अनुभवों को नए ढंग से समायोजित किया जाना कहलाता है तर्क

सीखने की मात्रा तथा समय के सम्बन्ध को चित्रांकित करने वाली वक्र रेखा (2018) अधिगम वक्र

जब कोई बालक सीखने को तत्पर होता है तब वह चीजों को जल्दी से सीखता है, यह धार्नडाइक के सीखने के किस नियम के अन्तर्गत आता है. तत्परता का नियम

सीखने के किस सिद्धान्त के अन्तर्गत व्यक्ति सम्पूर्ण परिस्थिति के प्रत्यक्षीकरण के आधार पर सीखता है – अनुकरण का सिद्धान्त

वे प्रेरक जिन्हें व्यक्ति अपने प्रयासों से प्राप्त करता है, कहलाता है- (2018) अर्जित प्रेरक

अधिगम, धारण, पुनःस्मरण तथा पहचान आदि प्रक्रियाएँ आती हैं- स्मृति के अन्तर्गत

वह प्राप्तांक जो किसी प्रदत्त को दो बराबर भागों में बाँटता है, कहलाता है- समान्तर माध्य

“जिस प्रकार शारीरिक विकास के लिए भोजन का महत्व है, उसी प्रकार सामाजिक विकास के लिए शिक्षा का।” कथन है ड्यूवी

टोली की आयु कहते हैं. – बाल्यावस्था का

“मनुष्य को जो कुछ बनना होता है प्रारम्भ के चार पाँच वर्षों में ही बन जाता है।”  – फ्रायड

बाल्यावस्था में शिक्षा का क्या स्वरूप होना चाहिए- खेलों एवं रचनात्मक कार्यों के माध्यम से शिक्षा दी जानी चाहिए।

आँकड़ों के प्रकार है अवर्गीकृत

बाल मनोविज्ञान, बालक के व्यवहार एवं अनुभव का विज्ञान है।” कथन स्किनर

बाल विकास का प्रत्यक्ष सम्बन्ध बाल व्यवहार से है।” कथन है (2021) मौरिसन

वह मानवीय योग्यता जिसके द्वारा व्यक्ति किसी नवीन रचना या विचार को प्रस्तुत करता है, कहलाता है- (2021) बुद्धि

अभ्यास और अनुभव के द्वारा व्यवहार में होने वाले परिवर्तन कहलाता है- अधिगम

सूझ के सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं- कोहलर

प्रेरणा कार्य को आरम्भ करने जारी रखने और नियमित करने की प्रक्रिया है। कथन है- गुड

चिन्तन मानसिक क्रिया का ज्ञानात्मक पहलू है, कथन है – रास

 

 

शिक्षा में सृजनात्मक का प्रयोग किस रूप में होता है- चिन्तन

 

 

जीन पियाजे द्वारा बालक के संज्ञानात्मक विकास की अवस्थाओं में वर्णन किया 4

वह प्रेरक जिन्हें व्यक्ति अपने प्रयासों से प्राप्त करता है, कहलाता है- (2019) अर्जित प्रेरक 

स्मृति सीखी हुई वस्तु का सीधा उपयोग है। यह कथन है- वुडवर्थ का

 

विकास को प्रभावित करने वाले कारक हैं

बुद्धि  |  अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ |  यौन   |  उपयुक्त सभी

 

अधिगम स्थानान्तरण के सिद्धान्त हैं

मानसिक शक्तियों का सिद्धान्त | समान तत्वों का सिद्धान्त |  सामान्यीकरण का सिद्धान्त |  उपर्युक्त सभी

 

प्रेरणा होती है

सकारात्मक | नकारात्मक

(●) विकल्प अ और ब दोनों

 

थार्नडाइक ने दिया-

प्रभाव का नियम | अभ्यास का नियम | तत्परता का नियम | उपर्युक्त सभी

 

बालक के मानसिक विकास के लिए शिक्षक को करना चाहिए-

स्नेह ओर सहानुभूति पूर्ण व्यवहार | सआचरण प्रस्तुत करना | उपयुक्त शिक्षण विधि का प्रयोग | उपर्युक्त सभी

 

कल्पना के विकास के लिए शिक्षा में निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए- (2019)

भाषा विकास पर ध्यान | काल्पनिक खेलों एवं क्रियाओं के लिए अवसर | कहानी सुनना |  उपर्युक्त सभी

 

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