हिमालय नदी तंत्र

भारतीय भूगोल

 

हिमालयन नदी के बारे मे

 

सबसे पहले हम हिमालयन नदी के बारे मे पढेंगे

हिमालयन नदी का उद्गम स्थल हिमालय क्षेत्र से है

 

ब्रह्मपुत्र नदी

चीन तिब्बत के मानसरोवर झील से निकलती है चीन में इसे सांगपो नदी के नाम से जाना जाता है भारत में अरुणाचल प्रदेश से प्रवेश करती है नोट – विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप माजुली असम राज्य ब्रह्मपुत्र नदी पर ही है

सिंधु नदी (Indus river System)

सिंधु नदी का उद्गम कैलाश पर्वत के मानसरोवर झील चीन तिब्बत से होता है भारत में सिंधु नदी लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के डेमचोक क्षेत्र से प्रवेश करती है काराकोरम श्रेणी और जास्कर श्रेणी के मध्य बहते हुए गिलगित पाकिस्तान चली जाती है इसे अंतर्राष्ट्रीय नदी भी कहते हैं मानसरोवर झील से अरब सागर तक इसकी लंबाई 2880 किलो मीटर है नोट – भारतीय क्षेत्र में इसकी कुल लंबाई 1114 किलोमीटर है

इंदिरा गांधी नहर

भारत की सबसे लंबी नहर इंदिरा गांधी नहर पंजाब के हरिकेय बैराज से (संगम ->व्यास और सतलज ) निकलती है पंजाब व राजस्थान में कृषि सिंचाई के लिए उपयोग होता है

झेलम नदी

झेलम नदी कश्मीर घाटी के बैरी नाग से निकलती है प्रसिद्ध श्रीनगर शहर और वुलर झील झेलम नदी के किनारे पर स्थित है झेलम चिनाब की सहायक नदी है इसका पूरा नाम वितस्ता है !

चिनाब नदी

चिनाब नदी का प्राचीन नाम असकिनी था यह नदी सिंधु की सबसे बड़ी सहायक नदी है चिनाब नदी हिमालय प्रदेश के बड़ालाचा दर्रे से निकलती है चंद्रा और भा नदी के संगम से बनी है भारतीय क्षेत्र में इसकी लंबाई 1180 किलोमीटर है

रवि नदी

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू घाटी में रोहतांग दर्रे से निकलती है रवि का प्राचीन नाम parushadi नदी था रवि चिनाब की सहायक नदी है

व्यास नदी

हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के व्यास कुंड से निकलती है पंजाब के हरीकिया में सतलज में मिल जाती है

सतलज नदी

सतलज नदी rakastaal चीन तिब्बत से से निकलती है जहां इसे लाँग चैन खमवाज कहते हैं हिमाचल प्रदेश के छिपकली दर्रे से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती है पंजाब में हरिकेय बैराज होते हुए पाकिस्तान में चिनाब नदी में मिलती है चिनाब की सबसे बड़ी सहायक नदी है

विवाद / समझौता

सिंधु नदी तंत्र जल विवाद भारत और पाकिस्तान के मध्य सिंधु नदी जल समझौते के आधार पर उत्तरी क्षेत्र की तीन नदियां (सिंधु झेलम चिनाब) का पानी का 20% भारत और 80% पाकिस्तान के हिस्से में है सिंधु नदी जल समझौता – 1960 में संयुक्त राष्ट्र के सहयोग सिंधु का प्राचीन नाम – पौराणिक नदी

दोआब

वह भू भाग जो दो नदियों के मध्य हो को दोआब कहलाता है

गंगा नदी

गंगा नदी का उद्गम उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री ग्लेशियर के गोमुख से हुआ है जहां पर इसे भागीरथी के नाम से जाना जाता है भागीरथी और भिलंगाना नदी के संगम पर भारत का सबसे ऊंचा टिहरी बांध स्थित है जिसकी ऊंचाई 260.5 मीटर है इसे रूस के सहयोग से बनाया गया है भागीरथी देवप्रयाग में अलकनंदा नदी में मिलने के बाद गंगा नदी के नाम से जानी जाती है उत्तराखंड के हरिद्वार से गंगा नदी मैदानी क्षेत्रों में प्रवेश करती है

कुंभ मेला

 

हरिद्वार गंगा नदी उत्तराखंड
प्रयागराज गंगा जमुना सरस्वती संगम उत्तर प्रदेश
उज्जैन शिप्रा नदी मध्य प्रदेश
नासिक गोदावरी महाराष्ट्र

 

गंगा नदी तंत्र

गंगा की सहायक नदियां यमुना गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना है ! इसका उद्गम स्थल हिमाचल प्रदेश के बंदर पुच्छ श्रेणी की कालिंदी पर्वत से है यमुना नदी प्रयागराज में गंगा से मिलती है प्रायद्वीपीय पठार मालवा मध्य प्रदेश राजस्थान से निकलने वाली केन बेतवा चंबल यमुना की सहायक नदी है

रामगंगा नदी

उत्तराखंड के ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसेन (चमोली) के पास से निकलती है उत्तर प्रदेश कन्नौज में गंगा में मिल जाती है जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान से बहाने के कारण इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया है

गोमती नदी

मैदानी क्षेत्र से निकलने वाली नदी – गोमलताल पीलीभीत जिले से होते हुए लखनऊ जौनपुर से गाजीपुर में गंगा में मिल जाती है

घाघरा नदी

तिब्बत के पठार से निकलती नेपाल से बाराबंकी जिले में शारदा काली नदी में मिल जाती है

सोन नदी

यह मध्य प्रदेश के अमरकंटक पहाड़ियों मेंकल पर्वतमाला से निकलती है नोट – इस उत्तर दिशा में बहने के कारण गंगा की उतरी वाहिनी कहा जाता है यह पटना से पहले गंगा में मिल जाती है

कोसी नदी

इसका उद्गम तिब्बत से निकलती है माउंट एवरेस्ट नेपाल – अरुण नदी मुख्य स्रोत कोसी नदी को बिहार का शोक कहा जाता है यह नदी सबसे ज्यादा मार्ग बदलता है

नोट – गंगा नदी भारत की सबसे लंबी नदी है इसकी लंबाई 25 25 किलोमीटर है

उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल राज्य में बहते हुए बांग्लादेश में पदमा के नाम सेप्रवेश करती है जहां जमुना ब्रैकेट ब्रह्मपुत्र ब्रैकेट बंद में विलीन के बाद मेघना बनती है इसके पश्चात सुंदरबन डेल्टा से बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है

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