उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती 68500 and 69000
उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती विवादों से भर्ती हुई है जो 68500 और 69 000 हजार वैकेंसी हुई थी | जिसका पेपर 2018 में कराया गया था इस भर्ती में रिजर्वेशन को वर्टिकल न रखकर होरिजेंटल रखा गया था जिससे जो ओबीसी का छात्र जनरल के बराबर या उसे अधिक नंबर पाया था उसको भी ओबीसी के कैटेगरी में रखा गया था
इसमें धांधली किस प्रकार हुई थी कि ओबीसी के छात्रों को अधिक नंबर पर रखा गया था जबकि जनरल कैटेगरी के छात्रों को कम नंबर पर रखा गया था यह भारती 2018 से ही विवादों में घिरी हुई थी 2020 में इसका रिजल्ट आया और इसकी जॉइनिंग करवा दी गई
अगर आपको यह लगता है यह वैकेंसी योगी सरकार के द्वारा निकाली गई है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है
यह भर्ती अखिलेश सरकार के द्वारा शिक्षामित्र को परमानेंट करने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया की शिक्षामित्र की नियुक्ति किस प्रकार नहीं की जा सकती इसके लिए आप अलग से एग्जाम करवा कर और उसके माध्यम से छात्रों को रखा जाए उसके तुरंत बाद योगी की सरकार आ गई जिसको योगी ने दो पार्ट में करवाया पहले 68500 वा 69000 वैकेंसी जिसमें छात्रों को केवल डीएलएड के छात्र ही फॉर्म भर सकते थे |
जिसमे लगभग डेढ़ लाख बच्चों ने आवेदन किया था और 50000 बच्चों का ही हो पाया क्योंकि उसकी मेरिट को 40% मिनिमम cutoff कर दिया गया था |
उसके तुरंत बाद 69000 वैकेंसी निकाली गई है जिसमें डीएलएड के साथ B.ed वालो को भी भर्ती में मौका दिया गया
इस भारती को शुरू से ही धांधली की भर्ती कही गई अब कोर्ट का निर्णय यह आया है कि पहले वाली नियुक्ति सूची को निरस्त करके नई विधि से फिर से सूची को तैयार किया जाए और जो बच्चे पहले से कार्यरत है उनको निष्कासित कर दिया जाए लेकिन ध्यान देने वाली एक बात यह भी हैं जिसमें यदि कोई व्यक्ति एक साल के अंदर निकाल दिया गया तो निकाल दिया गया उसके पश्चात उसको नहीं निकाला जा सकता |
योगी सरकार 3 महीने के अंदर क्या फैसला करती है | यह देखने वाली बात हैं हालांकि उसके पश्चात 2018 से लेकर 2024 तक किसी भी प्रकार की प्राथमिक विद्यालय में भर्ती नहीं निकली है यहां तक की सुनने में आया है की विभिन्न प्राथमिक विद्यालय को बंद कर दिया गया है और इनका और इनका छात्र शिक्षक अनुपात 2018 से ही बराबर चलता आ रहा है चाहे कितने भी शिक्षक रिटायर हो गए हो या कम बच्चो का सिलेक्शन हुआ हो